कहते हैं कि अगर प्यार सच्चा होता है तो वह सात समंदर पार से भी मिल जाता है। इसका हालिया उदारहण राजस्थान के बीकानेर में देखने को मिला है। यहां पर बीते दिनों हाल ही में हांगकांग से आई एक लड़की ने बीकानेर के लड़के से शादी रचाई है। इन दोनों की दोस्ती इंटरनेट के जरिए हुई थी, जिसने पिछले 6 सालों में प्यार का रूप ले लिया था। इनकी शादी सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है।
बीकानेर छत्तरगढ़ के पृथ्वीराज वर्मा और हॉन्गकॉन्ग की रहने वाली हेली ली इन दिनों बेहद खुश हैं। आखिर खुश हो भी क्यों न इनके 6 सालों के प्यार को 'सात जन्मों का साथ' जो मिल गया है। हाल ही में बीते 14 सितंबर को हेली ली ने हांगकांग से आकर हिन्दू रीति-रिवाज़ों के अनुसार पृथ्वीराज से शादी भी रचा ली है।
हेली ली के साथ उनकी मां भी पिछले हफ्ते भारत आई हैं। पृथ्वीराज के परिवार वालों के साथ हेली ली की मां ने भी इन दोनों को आशीर्वाद दिया। पॉलोटेक्निक की पढ़ाई पूरी कर मोबाइल रिपेयरिंग करने वाले पृथ्वी का कहना है कि वह हेली ली से 2010 फेसबुक से मिले थे। इन दोनों की आपस में दोस्ती हो गई।
जब इनकी बात शादी तक पहुंची तो इस बार हेली ली खुद भारत आ गईं। डिप्लोमा डिजाइन और ब्यूटी कंसल्टेंट हेली ली का कहना है कि वह पृथ्वी को अपने जीवन साथी के रूप में पाकर काफी खुश हैं। वहीं इन दोनों के प्यार को देखकर लोगों का कहना है कि यह बात एक बार फिर सच साबित हुई कि सच्चा प्यार न रूप-रंग देखता है।
बीकानेर छत्तरगढ़ के पृथ्वीराज वर्मा और हॉन्गकॉन्ग की रहने वाली हेली ली इन दिनों बेहद खुश हैं। आखिर खुश हो भी क्यों न इनके 6 सालों के प्यार को 'सात जन्मों का साथ' जो मिल गया है। हाल ही में बीते 14 सितंबर को हेली ली ने हांगकांग से आकर हिन्दू रीति-रिवाज़ों के अनुसार पृथ्वीराज से शादी भी रचा ली है।
हेली ली के साथ उनकी मां भी पिछले हफ्ते भारत आई हैं। पृथ्वीराज के परिवार वालों के साथ हेली ली की मां ने भी इन दोनों को आशीर्वाद दिया। पॉलोटेक्निक की पढ़ाई पूरी कर मोबाइल रिपेयरिंग करने वाले पृथ्वी का कहना है कि वह हेली ली से 2010 फेसबुक से मिले थे। इन दोनों की आपस में दोस्ती हो गई।
जब इनकी बात शादी तक पहुंची तो इस बार हेली ली खुद भारत आ गईं। डिप्लोमा डिजाइन और ब्यूटी कंसल्टेंट हेली ली का कहना है कि वह पृथ्वी को अपने जीवन साथी के रूप में पाकर काफी खुश हैं। वहीं इन दोनों के प्यार को देखकर लोगों का कहना है कि यह बात एक बार फिर सच साबित हुई कि सच्चा प्यार न रूप-रंग देखता है।
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