भोपाल में एक प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर करीब 40 छात्र-छात्राओं ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। बताया है कि जितनी भी छात्राओं ने प्रिंसिपल के साथ सेक्स संबंध नहीं बनाए, उन सबको ना केवल प्रेक्टिकल में फेल कर दिया गया बल्कि प्रिंसिपल का विरोध करने वाले 40 छात्र-छात्राओं का कॉलेज से बर्खास्त भी कर दिया गया।
चौंकाने वाली बात यह है कि प्रिंसीपल की इस करतूत की शिकायत सांसद आलोक संजर एवं तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी की गई थी परंतु उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। यह शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी हुई थी।
छात्राओं का कहना है कि प्रिंसिपल के हाथ में प्रेक्टिकल 200 नंबर हैं। प्रिंसिपल ने थ्योरी में 11 नंबर लाने वाली छात्रा को 100 से अधिक नंबर दिए, वहीं थ्योरी में अधिक अंक लाने वाली छात्राएं को फेल कर दिया है क्योंकि ये छात्राएं प्रिंसिपल के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने को तैयार नहीं थी। राज्य महिला आयोग पहुंचकर छात्राओं ने गुरुवार को लिखित आवेदन दिया है।
छात्राओं का कहना है कि प्रिसिंपल के खिलाफ उन्होंने सीएम हेल्प लाइन तक में शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। छात्राओं का कहना है, कि उन्हें न्याय चाहिए और प्रिसिंपल को कड़ी सजा दी जाए। इस मामले में आयोग ने प्रकरण की जांच कराने की बात कही है।
चौंकाने वाली बात यह है कि प्रिंसीपल की इस करतूत की शिकायत सांसद आलोक संजर एवं तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी की गई थी परंतु उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। यह शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी हुई थी।
छात्राओं का कहना है कि प्रिंसिपल के हाथ में प्रेक्टिकल 200 नंबर हैं। प्रिंसिपल ने थ्योरी में 11 नंबर लाने वाली छात्रा को 100 से अधिक नंबर दिए, वहीं थ्योरी में अधिक अंक लाने वाली छात्राएं को फेल कर दिया है क्योंकि ये छात्राएं प्रिंसिपल के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने को तैयार नहीं थी। राज्य महिला आयोग पहुंचकर छात्राओं ने गुरुवार को लिखित आवेदन दिया है।
छात्राओं का कहना है कि प्रिसिंपल के खिलाफ उन्होंने सीएम हेल्प लाइन तक में शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। छात्राओं का कहना है, कि उन्हें न्याय चाहिए और प्रिसिंपल को कड़ी सजा दी जाए। इस मामले में आयोग ने प्रकरण की जांच कराने की बात कही है।
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