ब्रिटेन के करीब 10 में से एक युवा और और आठ में एक युवती चिंताजनक सेक्स समस्या के शिकार हैं, जो 2015 में कम से कम तीन महीनों तक बनी रही। एक शोध से यह खुलासा हुआ है।
स्कॉटलैंड के ग्लासगो विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधार्थी क्रिस्टीन मिशेल ने कहा कि हमारे शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि यौन समस्याएं न सिर्फ ब्रिटेन के बुर्जुगों को है, बल्कि वास्तव में यह युवक-युवतियों में भी सामान्य रूप से पाया जाता है।
इस शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि युवा महिलाओं में सबसे प्रमुख चिंताजनक समस्या क्लाईमैक्स (छह फीसदी यौन सक्रिय महिलाओं में) तक पहुंचना है और दूसरी समस्या सेक्स में रुचि घटना (पांच फीसदी महिलाओं में) है। वहीं, इरेक्शन पाना या उसे बरकरार रखना (तीन फीसदी पुरुषों में) और बेहद जल्दी क्लाईमैक्स तक पहुंच जाना (पांच फीसदी यौन सक्रिय पुरुषों में) युवाओं में सबसे आम यौन समस्या है।
मिशेल का कहना है कि जब युवा लोगों की कामुकता की बात आती है, तो पेशेवर चिंता का विषय आमतौर पर यौन संचरित संक्रमणों और अनियोजित गर्भ को रोकने पर केंद्रित किया जाता है। हालांकि, हमें यौन स्वास्थ्य पर अधिक व्यापक रूप में विचार करना चाहिए, क्योंकि यौन कठिनाइयां हमारे युवाओं को दीर्घकालिक रूप में प्रभावित कर सकती है।
इस शोध में करीब एक-तिहाई युवाओं (36 फीसदी मर्द और 42 फीसदी महिलाओं) ने एक या अधिक यौन समस्याओं की जानकारी दी और उसके बारे में मदद की भी तलाश की। लेकिन उनमें से शायद ही कोई किसी पेशेवर के पास गया। ज्यादातर लोगों ने अपने परिवार या दोस्तों से चर्चा की या फिर मीडिया या इंटरनेट का सहारा लिया।
स्कॉटलैंड के ग्लासगो विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधार्थी क्रिस्टीन मिशेल ने कहा कि हमारे शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि यौन समस्याएं न सिर्फ ब्रिटेन के बुर्जुगों को है, बल्कि वास्तव में यह युवक-युवतियों में भी सामान्य रूप से पाया जाता है।
इस शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि युवा महिलाओं में सबसे प्रमुख चिंताजनक समस्या क्लाईमैक्स (छह फीसदी यौन सक्रिय महिलाओं में) तक पहुंचना है और दूसरी समस्या सेक्स में रुचि घटना (पांच फीसदी महिलाओं में) है। वहीं, इरेक्शन पाना या उसे बरकरार रखना (तीन फीसदी पुरुषों में) और बेहद जल्दी क्लाईमैक्स तक पहुंच जाना (पांच फीसदी यौन सक्रिय पुरुषों में) युवाओं में सबसे आम यौन समस्या है।
मिशेल का कहना है कि जब युवा लोगों की कामुकता की बात आती है, तो पेशेवर चिंता का विषय आमतौर पर यौन संचरित संक्रमणों और अनियोजित गर्भ को रोकने पर केंद्रित किया जाता है। हालांकि, हमें यौन स्वास्थ्य पर अधिक व्यापक रूप में विचार करना चाहिए, क्योंकि यौन कठिनाइयां हमारे युवाओं को दीर्घकालिक रूप में प्रभावित कर सकती है।
इस शोध में करीब एक-तिहाई युवाओं (36 फीसदी मर्द और 42 फीसदी महिलाओं) ने एक या अधिक यौन समस्याओं की जानकारी दी और उसके बारे में मदद की भी तलाश की। लेकिन उनमें से शायद ही कोई किसी पेशेवर के पास गया। ज्यादातर लोगों ने अपने परिवार या दोस्तों से चर्चा की या फिर मीडिया या इंटरनेट का सहारा लिया।
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