मेनोपॉज कोई बीमारी नहीं, बल्कि ऐसी अवस्था है जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। ऐसे में बेहतर खानपान, नियमित व्यायाम और सकारात्मक दृष्टिकोण से जीवन का एक नया दौर शुरू किया जा सकता है।
मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो उम्र बढऩे पर हर महिला में होती है। यह एक ऐसी अवस्था है जब महिलाओं को मासिक चक्र होना समाप्त हो जाता है। इसकी औसत आयु 51 वर्ष है लेकिन यह 48 से 54 वर्ष की आयु के बीच आमतौर पर किसी भी समय हो सकता है। इस दौरान हर महिला को कुछ लक्षणों का अनुभव होता है। मेनोपॉज तीन स्टेज में होता है।
प्री मेनोपॉज, पीरियड्स बंद होने से पहले के एक-दो वर्ष का समय। मेनोपॉज, एक साल तक यदि पीरियड्स लगातार बंद रहे तो इस स्थिति को मेनोपॉज कहते हैं और मेनोपॉज के बाद का दौर पोस्ट मेनोपॉज कहलाता है।
मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो उम्र बढऩे पर हर महिला में होती है। यह एक ऐसी अवस्था है जब महिलाओं को मासिक चक्र होना समाप्त हो जाता है। इसकी औसत आयु 51 वर्ष है लेकिन यह 48 से 54 वर्ष की आयु के बीच आमतौर पर किसी भी समय हो सकता है। इस दौरान हर महिला को कुछ लक्षणों का अनुभव होता है। मेनोपॉज तीन स्टेज में होता है।
प्री मेनोपॉज, पीरियड्स बंद होने से पहले के एक-दो वर्ष का समय। मेनोपॉज, एक साल तक यदि पीरियड्स लगातार बंद रहे तो इस स्थिति को मेनोपॉज कहते हैं और मेनोपॉज के बाद का दौर पोस्ट मेनोपॉज कहलाता है।
मेनोपॉज के वक्त हर महिला को प्रमुख तीन चीजों की जरूरत होती है, सपोर्टिव जीवनसाथी, अच्छे दोस्त, मां व सास और सही डॉक्टरी परामर्श। इससे जुड़े कई लक्षण अस्थाई होते हैं, जिनके प्रभावों को कम करने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं।
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