दुनिया में बहुत सारे देशों में देह व्यापार को कानूनी मान्यता मिली हुई है, वहीं कुछ इसे गैर-कानूनी मानते हैं। भारत में भी वेश्यावृति को अवैध माना जाता है लेकिन इसके बावजूद यहां यह काम जोरों-शोरों पर है। एक ऐसी ही खबर के अनुसार, 65 गांवों के 250 डेरो पर खुलेआम देहव्यापार के अड्डे चलते हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश का नीमच, मन्दसौर और रतलाम जिला जिस्मफरोशी का हब बनता जा रहा है। पुलिस ने जैतपुरा के बांछड़ा डेरों पर दबिश देकर पांच ऐसी युवतियों को गिरफ्तार किया है, जो जिस्मफरोशी के धंधे की प्रमुख ऑपरेटर थीं। खबर के अनुसार, इस समाज में बेटी होने पर जश्न मनाया जाता है। सबसे ख़ास बात यह है कि ये वो समुदाय है, जिसमें लड़के वाले लड़की वालों को 12-12 लाख दहेज़ देते हैं। इसी वजह से इस समुदाय के अधिकांश लड़के कुंवारे रह जाते हैं।
गौरतलब है कि मालवा के इन जिलों में रहने वाले बांछड़ा समुदाय में जिस्मफरोशी को समाजिक मान्यता प्राप्त है। इस असुरक्षित यौन सम्बन्धों के कारण इस अंचल में जमकर एड्स फैल रहा है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अकेले नीमच जिले में दो वर्ष में 56 मौतें एड्स के कारण दर्ज की गईं हैं। इसमें और अधिक चौकाने वाला तथ्य यह है कि 42 गर्भवती महिलाओं और 61 बच्चों में एचआईवी सक्रमण पाया गया।
दरअसल, मध्यप्रदेश का नीमच, मन्दसौर और रतलाम जिला जिस्मफरोशी का हब बनता जा रहा है। पुलिस ने जैतपुरा के बांछड़ा डेरों पर दबिश देकर पांच ऐसी युवतियों को गिरफ्तार किया है, जो जिस्मफरोशी के धंधे की प्रमुख ऑपरेटर थीं। खबर के अनुसार, इस समाज में बेटी होने पर जश्न मनाया जाता है। सबसे ख़ास बात यह है कि ये वो समुदाय है, जिसमें लड़के वाले लड़की वालों को 12-12 लाख दहेज़ देते हैं। इसी वजह से इस समुदाय के अधिकांश लड़के कुंवारे रह जाते हैं।
गौरतलब है कि मालवा के इन जिलों में रहने वाले बांछड़ा समुदाय में जिस्मफरोशी को समाजिक मान्यता प्राप्त है। इस असुरक्षित यौन सम्बन्धों के कारण इस अंचल में जमकर एड्स फैल रहा है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अकेले नीमच जिले में दो वर्ष में 56 मौतें एड्स के कारण दर्ज की गईं हैं। इसमें और अधिक चौकाने वाला तथ्य यह है कि 42 गर्भवती महिलाओं और 61 बच्चों में एचआईवी सक्रमण पाया गया।
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