कंडोम के रंग में बैंगनी, पिंक, रेड और काले रंगों का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

आपने कभी नहीं सोचा होगा कि कंडोम के विज्ञापनों में बैंगनी, पिंक, रेड और काले रंगों का इस्तेमाल क्यों किया जाता है। इसके पीछे मजेदार किस्सा है कि रंगो का असर हमारे स्वभाव, व्यवहार और हमारी राशियों पर पड़ता है, वैसे ही रंगों का प्रभाव हमारी सेक्स लाइफ पर भी पड़ता है।  
ब्रिटिश रिसर्च में इस बात की पुष्ठिी हो चुकी है। इसमें कहा गया है कि रंगो से इंसान के निजी रिश्ते रोशन होते हैं। सर्वे के अनुसार मुताबिक कपल के बेडरूम के लिए पर्पल कलर जोरदार होता है। यह कलर पति-पत्नी को उत्तेजित होने के लिए प्रेरित करता है। जिन लोगों के बैडरुम में पर्पल कलर होता है, वो सेक्स लाइफ में काफी खुष और संतुष्ट होते हैं।

सर्वे में यह भी बताया गया है कि आपके बेडरूम में सूती चादरों के बजाय सिल्क की चादर हो, तो सेक्स लाईफ को और भी रसदार बना सकता है। आप भी सेक्स की पूर्ति के लिए पर्पल दीवारें, सिल्क की चादर और पर्पल रजाई बनवा लीजिए। यह कांबिनेषन भी अच्छा होगा और सेक्स लाइफ भी खुषनुमा हो जाएगी। वैसे भी पर्पल बेस्ट कलर होता है, लेकिन इसके अलावा रेड, स्काई ब्लू, पिंक, ब्लैक, नेवी ब्लू, ग्रीन और ग्रे कलर भी बेडरूम यूज कर सकते है। इससे भी सेक्स लाइफ बेहतर होगी। तो हुई न कलर से सेक्स लाइफ मजेदार।

एक बार यह भी करके देखिए कि कलरफूल कंडोम यूज करिए। संभव हो तो कपल के अंडर गारमेंट भी इसी कलर में हो और बिजली का कांबिनेषन भी इसमें समाहित कर ले तो गजब का कलर उभरेगा और दिल बाग-बाग हो उठेगा।

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