यौन संबंध के दौरान लोग कंडोम का इस्तेमाल अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए करते हैं। कंडोम के इस्तेमाल को सबसे सेफ सेक्स भी कहा जाता है। कंडोम अनचाहे गर्भ को रोकने में मददगार तो है ही लेकिन यदि आप इसका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो कुछ बड़े नुकसान भी हो सकते हैं।
इसका ज्यादा इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। कंडोम के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं।
गौर हो कि अधिकांश कंडोम लेटेक्स के बने होते हैं। ये एक तरल पदार्थ है, जो रबर के पेड़ से प्राप्त होता है। दी अमेरिकन अकैडमी ऑफ़ एलर्जी अस्थमा एंड म्यूनोलॉजी के अनुसार, कुछ लोगों में रबर में प्रोटीन होने की वजह से एलर्जी के लक्षण देखे गए हैं। ऐसे में सिंथेटिक कंडोम का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
कंडोम से एचआईवी और यौन संक्रामक रोगों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है, लेकिन इससे यौन संचारित रोगों का खतरा रहता है। क्योंकि ये बाहरी स्किन को सुरक्षित नहीं रख पाता है, जिससे खुजली और इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
कंडोम के सही इस्तेमाल से 98 फीसदी सुरक्षा तो मिलती है लेकिन इसके अनुचित उपयोग से 100 में से 15 महिलाओं को गर्भावस्था का जोखिम रहता है। इसलिए इसका इस्तेमाल सही तरह से करना बहुत जरूरी है। एक्सपायरी कंडोम का इस्तेमाल न करें
इसका ज्यादा इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। कंडोम के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं।
गौर हो कि अधिकांश कंडोम लेटेक्स के बने होते हैं। ये एक तरल पदार्थ है, जो रबर के पेड़ से प्राप्त होता है। दी अमेरिकन अकैडमी ऑफ़ एलर्जी अस्थमा एंड म्यूनोलॉजी के अनुसार, कुछ लोगों में रबर में प्रोटीन होने की वजह से एलर्जी के लक्षण देखे गए हैं। ऐसे में सिंथेटिक कंडोम का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
कंडोम से एचआईवी और यौन संक्रामक रोगों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है, लेकिन इससे यौन संचारित रोगों का खतरा रहता है। क्योंकि ये बाहरी स्किन को सुरक्षित नहीं रख पाता है, जिससे खुजली और इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
कंडोम के सही इस्तेमाल से 98 फीसदी सुरक्षा तो मिलती है लेकिन इसके अनुचित उपयोग से 100 में से 15 महिलाओं को गर्भावस्था का जोखिम रहता है। इसलिए इसका इस्तेमाल सही तरह से करना बहुत जरूरी है। एक्सपायरी कंडोम का इस्तेमाल न करें
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