अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) ने मोटापा ग्रस्त लडकियों की यौन आदतों पर अध्ययन के लिए पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के मैगी-महिला अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। एनआईएच ने इस शोध के लिए 466,643 अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं।
इस अध्यय में यह पता लगाया जाएगा कि मोटापा ग्रस्त ल़डकियां कितनी बार यौन क्रिया में भाग लेती हैं, और जब भी वे रति क्री़डा के लिए सक्रिय होती हैं तो यौन रक्षा के उपाय, जैसे कि कंडोम, क्यों नहीं अपनाती हैं। बयान में कहा गया है, ""मोटापा ग्रस्त ल़डकियां लगातार कहती हैं कि उनके पास रति क्रिया के अनुभव बहुत कम हैं। लेकिन जब भी वे रति क्री़डा के लिए सक्रिय होती हैं, तो उनका व्यवहार काफी जोखिम भरा (जैसे गर्भ निरोधक कंडोम का उपयोग न करना) हो जाता है।"
डेली कॉलर के अनुसार, इस अध्ययन में मोटापे की शिकार ल़डकियों और स्वस्थ्य ल़डकियों के यौन संबंधों की तुलना की जाएगी। इसी तरह का एक अध्ययन पिछले साल किया गया था, जिसमें बताया गया था कि समलैंगिक संबंध कैसे किसी के वजन और स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
इस अध्यय में यह पता लगाया जाएगा कि मोटापा ग्रस्त ल़डकियां कितनी बार यौन क्रिया में भाग लेती हैं, और जब भी वे रति क्री़डा के लिए सक्रिय होती हैं तो यौन रक्षा के उपाय, जैसे कि कंडोम, क्यों नहीं अपनाती हैं। बयान में कहा गया है, ""मोटापा ग्रस्त ल़डकियां लगातार कहती हैं कि उनके पास रति क्रिया के अनुभव बहुत कम हैं। लेकिन जब भी वे रति क्री़डा के लिए सक्रिय होती हैं, तो उनका व्यवहार काफी जोखिम भरा (जैसे गर्भ निरोधक कंडोम का उपयोग न करना) हो जाता है।"
डेली कॉलर के अनुसार, इस अध्ययन में मोटापे की शिकार ल़डकियों और स्वस्थ्य ल़डकियों के यौन संबंधों की तुलना की जाएगी। इसी तरह का एक अध्ययन पिछले साल किया गया था, जिसमें बताया गया था कि समलैंगिक संबंध कैसे किसी के वजन और स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
No comments:
Post a Comment