मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे मुझे न्यूड देंखे, आखिर मां ने क्यों लिया यह फैसला?

पश्चिम की लेखिका और चार नन्हे-मुन्ने बेटों की मां रीटा टेम्पटलन की ये सोच आपको चौंका सकती है। पहली बार में एक झटके में आप उनकी इस सोच को खारिज कर सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं। लेकिन जिस वजह और आशंका ने उन्हें इस हद तक सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। उसे लेकर आज दुनिया का हर मां-बाप घुला जा रहा है।

इंटरनेट और तेज रफ्तार तकनीक के इस दौर में पोर्न जिस तरह चेहरे बदल-बदल कर हमारे दिलो-दिमाग पर कब्जे की कोशिश में जुटा है। ये लड़ाई उसकी है और रीटा को इस सोच से बेहतर हथियार कुछ और नजर नहीं आ रहा है। रीटा को मालूम है कि बच्चे थोड़े बड़े होंगे तो उनके हाथों में मोबाइल देना होगा।

जब इंटरनेट उनके सामने पोर्न का बाजार खोल कर रख देगा। तब उनके सामने नारी शरीर की जो बाजारू छवि बनेगी। वो अनजाने में उनमें विकृत मानसिकता और आपराधिक सोच की बुनियाद डालेगी। बच्चे छिप-छिपाकर एक बार इस गंदी वर्चुअल दुनिया में उतर गए तो उन्हें रोकना कितना मुश्किल होगा। ये बताने की जरूरत नहीं। इसका अंजाम क्या और किस हद तक हो सकता है।

इसकी दिल दहलाने वाली घिनौनी मिसालें टीवी और अखबार के जरिये आप हम तक रोज पहुंचती हैं। पोर्न के उसी बीज को कुचलने के लिए 'एंटी-डॉट' के रूप में बच्चों के सामने न्यूड रहने का उपाय आजमाना चाहती हैं रीटा। उन्हें लगता है कि बच्चे मां के रूप में नारी शरीर का परिचय पाएंगें और करीब से उसे महसूस करेंगे।

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