दुनिया में बने हुए हर समुदाय के अपने रीती-रिवाज और परंपराए होती है। इनमे कुछ गलत भी होते है तो कुछ सही भी। एक परंपराए बैगा समाज की ऐसी ही है जिसमे लड़का-लड़की पहले शारीरिक संबंध बनाते है उसके बाद उनका विवाह कराया जाता है। ये प्रेम विवाह होता है।
इस समाज में महिलाओं को बहुत सम्मान दिया जाता है। इस समाज में लड़के-लड़कियों को प्रेम विवाह की आजादी दी जाती है। यहाँ लड़कियां अपना जीवनसाथी चुन सकती है। इनमें शादी से पहले यौन संबंध बनाने पर रोक नहीं है। शारीरिक संबंध बनाने की बात माता-पिता या पंचों को पता चलती है, इसके बाद शादी कर दी जाती है।
विवाह से पहले लड़की की इच्छा से यौन संबंध जायज हैं। लड़के-लड़की को यौन संबंध बनाने की सामाजिक स्वीकृति है। संबंध बनाने का मतलब है कि वे एक दूसरे के जीवन साथी हो गए।
बैगा युवती सामूहिक नृत्य में अपने जीवन साथी का चुनाव कर लेती है। हाट-बाजारों में वे एक-दूसरे को अच्छी तरह से परख लेते हैं। फिर यौन संबंध की खबर समाज के मुखिया और सगे-संबंधियों तक पहुंच जाती है। मुखिया या दोनों के माता-पिता के बीच विवाह की बातचीत शुरू होती है।
इस समाज में महिलाओं को बहुत सम्मान दिया जाता है। इस समाज में लड़के-लड़कियों को प्रेम विवाह की आजादी दी जाती है। यहाँ लड़कियां अपना जीवनसाथी चुन सकती है। इनमें शादी से पहले यौन संबंध बनाने पर रोक नहीं है। शारीरिक संबंध बनाने की बात माता-पिता या पंचों को पता चलती है, इसके बाद शादी कर दी जाती है।
विवाह से पहले लड़की की इच्छा से यौन संबंध जायज हैं। लड़के-लड़की को यौन संबंध बनाने की सामाजिक स्वीकृति है। संबंध बनाने का मतलब है कि वे एक दूसरे के जीवन साथी हो गए।
बैगा युवती सामूहिक नृत्य में अपने जीवन साथी का चुनाव कर लेती है। हाट-बाजारों में वे एक-दूसरे को अच्छी तरह से परख लेते हैं। फिर यौन संबंध की खबर समाज के मुखिया और सगे-संबंधियों तक पहुंच जाती है। मुखिया या दोनों के माता-पिता के बीच विवाह की बातचीत शुरू होती है।
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