यूँ तो हिमालयी क्षेत्र प्राकृतिक वनौषधियों से भरा पडा है ..फ़िर भी कुछ ऐसी औषधियां दुनिया भर में अपने विशिष्ट गुणों के कारण जानी जाती है। ऐसी ही एक दुर्लभ एवं प्राकृतिक गुणों से भरपूर एक औषधि है, जिसे दुनिया भर में हिमालयन वियाग्रा या हिमालयन गोल्ड के नाम से जाना जाता है।
तथा इस हिमालयन वियाग्रा को लोग यार्सागुम्बा के नाम से भी जानते हैं। आयुर्वेद में यार्सागुम्बा को जड़ी-बूटी की श्रेणी में रखा गया है जो हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में मिलता है। दरअसल यह एक मृत कीड़ा है जिसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सेक्स पावर बढ़ाने के अचुक नुस्खे होते हैं इसलिए इसे हिमालयी वियाग्रा भी कहा जाता है। नेपाल के लोग इसे पड़ोसी देश चीन में ऊंची कीमतों पर बेचते हैं। चीन में इसे हर्बल दवाओं के काम में लाया जाता है।
यार्सागुम्बा एक कीड़ा है जो समुद्र तल से 3800 मीटर ऊंचाई पर हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है। वैसे तो यह कुछ मात्रा में भारत और तिब्बत में भी मिलता है पर मुख्य रूप से यह नेपाल में पाया जाता है। यह कीड़ा भूरे रंग का होता है जिसकी लम्बाई लगभग 2 इंच होती है। यह कीड़ा यहां उगने वाले कुछ खास किस्म के पौधों पर ही पैदा होते हैं।
तथा इस हिमालयन वियाग्रा को लोग यार्सागुम्बा के नाम से भी जानते हैं। आयुर्वेद में यार्सागुम्बा को जड़ी-बूटी की श्रेणी में रखा गया है जो हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में मिलता है। दरअसल यह एक मृत कीड़ा है जिसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सेक्स पावर बढ़ाने के अचुक नुस्खे होते हैं इसलिए इसे हिमालयी वियाग्रा भी कहा जाता है। नेपाल के लोग इसे पड़ोसी देश चीन में ऊंची कीमतों पर बेचते हैं। चीन में इसे हर्बल दवाओं के काम में लाया जाता है।
यार्सागुम्बा एक कीड़ा है जो समुद्र तल से 3800 मीटर ऊंचाई पर हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है। वैसे तो यह कुछ मात्रा में भारत और तिब्बत में भी मिलता है पर मुख्य रूप से यह नेपाल में पाया जाता है। यह कीड़ा भूरे रंग का होता है जिसकी लम्बाई लगभग 2 इंच होती है। यह कीड़ा यहां उगने वाले कुछ खास किस्म के पौधों पर ही पैदा होते हैं।
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