कुछ लोग यह कहकर सिगरेट पीते हैं कि इससे फ्रेश महसूस होता है लेकिन एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते हैं। इसके अलावा एक सिगरेट में 4,000 ऐसे केमिकल्स होते हैं जिससे कैंसर फैलता है। दुनिया में हर सेकंड में एक मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है और इस आंकड़े को 2020 तक 20 लाख पहुंच जाने की संभावना है। सब जानते हैं कि तंबाकू जानलेवा है, फिर भी बहुत से लोग तंबाकू का सेवन नहीं छोड़ पाते हैं।
• बारीक सौंफ और मिश्री के दानों को मिलाकर धीरे-धीरे चूसें, नरम हो जाने पर चबाकर खा जाएं।
• अजवाइन को साफ कर के नींबू के रस व काले नमक में दो दिन तक भींगने रख दें, इसे छांव में सुखाकर मुंह में रखकर चूसते रहें।
• छोटी हरड़ को नींबू के रस अौर साेंधे नमक (पहाड़ी नमक) के घोल में दो दिन तक फूलने दें। इसे निकाल कर छांव में सुखाकर शीशी में भर लें और इसे चूसते रहें, नरम हो जाने पर चबाकर खा लें।
• तंबाकू को सूंघने की आदत छोड़ने के लिए गर्मी के मौसम में केवड़ा, गुलाब, खस आदि के इत्र का फोहा कान में लगाएं।
• सर्दी के मौसम में तंबाकू खाने की इच्छा होने पर हिना की खुशबू का फोहा सूंघें।
याद रखे -
खाने की आदत को धीरे-धीरे छोड़ें!
एकदम बंद न करें, क्योंकि रक्त में निकोटिन के स्तर को धीरे-धीरे ही कम किया जाना चाहिए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है और इस आंकड़े को 2020 तक 20 लाख पहुंच जाने की संभावना है। सब जानते हैं कि तंबाकू जानलेवा है, फिर भी बहुत से लोग तंबाकू का सेवन नहीं छोड़ पाते हैं।
• बारीक सौंफ और मिश्री के दानों को मिलाकर धीरे-धीरे चूसें, नरम हो जाने पर चबाकर खा जाएं।
• अजवाइन को साफ कर के नींबू के रस व काले नमक में दो दिन तक भींगने रख दें, इसे छांव में सुखाकर मुंह में रखकर चूसते रहें।
• छोटी हरड़ को नींबू के रस अौर साेंधे नमक (पहाड़ी नमक) के घोल में दो दिन तक फूलने दें। इसे निकाल कर छांव में सुखाकर शीशी में भर लें और इसे चूसते रहें, नरम हो जाने पर चबाकर खा लें।
• तंबाकू को सूंघने की आदत छोड़ने के लिए गर्मी के मौसम में केवड़ा, गुलाब, खस आदि के इत्र का फोहा कान में लगाएं।
• सर्दी के मौसम में तंबाकू खाने की इच्छा होने पर हिना की खुशबू का फोहा सूंघें।
याद रखे -
खाने की आदत को धीरे-धीरे छोड़ें!
एकदम बंद न करें, क्योंकि रक्त में निकोटिन के स्तर को धीरे-धीरे ही कम किया जाना चाहिए।
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