एक ऐसा बदनाम शहर जहां ग्राहकों के इंतजार में खड़ी रहती हैं लड़कियां

बिहार की अघोषित राजधानी मुजफ्फरपुर का चतर्भुज स्थान इलाका जिस्मफरोशी के धंधे को लेकर पूरे बिहार में बदमनाम है। यहां राज्य का सबसे बड़ा रैड लाइट एरिया है। यहां सभी सेक्स वर्करों को नाचने-गाने की सरकार से मान्यता प्राप्त है। लेकिन नाचने गाने की आड़ में ये लोग देह व्यापार भी करते हैं।


पुराने जमाने में यहां काम करने वाली महिलाओं को शिवदासी भी कहा जाता था। चतुर्भुज स्थान में देह व्यापार कर अपनी जीवन यापन करने वाली ऐसी हजारों महिलाएं हैं। जिनकी कमाई 10 रुपय से लेकर 1 हजार तक रोजाना होती है। यहां बसे परिवारों का पारंपरिक पेशा देह व्यापार ही है। जहां आंख खुलते ही यह बच्चियां अपनी मां बहन को गलियों में घर के बाहर ग्राहकों का इंतजार करते हुए देखती हैं। वहीं शराब की महक और यौन संबंधों के विकृत रूपों से रोज इनका पाला पड़ता है। पेशेवर महिलाएं जो सुबह से ही चेहरे पर लिपिस्टिक लगाकर घर के बाहर ग्राहकों को लुभाने में लगी रहती है।

मोहल्ले के अधिकांश घर के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में टांगा एक बोर्ड लगा रहता है, जिसमें यह लिखा होता है कि यहां लड़कियों को नाचने गाने की शिक्षा दी जाती है। साथ ही देह व्यापार करने वाली 13 से लेकर 33 वर्ष तक की लड़कियां उपलब्ध हैं। यहां रहने वाली लगभग 30 से 40% बच्च‍ियों ने यह दबी जुबान से स्वीकार किया है की जरूरत पड़ने पर उन्हें भी देह व्यापार करना पड़ता है। वहीं कुछ ऐसी बच्चियां हैं जिनके मां-बाप उन्हें इस धंधे में नहीं धकेलते हैं।

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