यहां बेटियों के 'जिस्म' से पलता है परिवार..

आज हम आपको भारत के इस काले सच से रूबरू करायेंगे जहा वेश्यावृत्ति अब एक पारंपरिक व्यवसाय बन गयी है। यहाँ अपनी बेटियों के जिस्म को बेचकर पेट पालने है, जिसकी दास्तां सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।
हालांकि है यह बहुत ही कड़वी हकीकत। कई सरकारें आईं और चली गईं मगर कोई भी समाज के इस बदनुमा दाग को नहीं मिटा सकी।

उत्तर प्रदेश का नातपुरवा गांव:-  यूपी के नातपुरवा गांव में वेश्यावृत्ति यहां के लोगों का सदियों से चला आ रहा मुख्य व्यवसाय है। यहां रहने वाले नात जाति के लोग इस व्यवसाय में 400 साल से भी अधिक समय से लिप्त हैं।

कर्नाटक के देवदासीस इलाका:-  कर्नाटक के देवदासिस में लड़कियों के कौमार्य की नीलामी होती है। इसके बाद लड़कियां अपना पूरा जीवन एक वेश्या के रूप में व्यतीत करती हैं और अपने परिवार के लिए पैसे कमाती हैं। देवदासिस हिंदू देवी येलम्मा की पूजा करते हैं, देवदासीस का मतलब होता है भगवान के गुलाम।

गुजरात का वाडिया गांव:-  गुजरात के गांव वाडिया में परंपरा के अनुसार यहां के पुरुष ही महिलाओं के लिए ग्राहकों की तलाश करते हैं। यहां यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और परिवार के भरण-पोषण के लिए वेश्वयावृत्ति मुख्य व्यवसाय है।

मध्य प्रदेश का बछरा इलाका:-  मध्य प्रदेश के बछरा जोकि आदिवासी इलाका है यहां की परंपरा और निराली है। यहां परिवार की सबसे बड़ी लड़की को परिवार के पुरुष वेश्यावृत्ति के व्यवसाय में भेजते हैं, जिससे परिवार का भरण-पोषण होता है। यही नहीं यहां परिवार में पिता और भाई ही ग्राहक से पैसों का लेनदेन करते हैं।

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