भागदौड़ भरी इस जिंदगी में दिनभर की थकान के बाद रात को अच्छी नींद बहुत ही जरूरी होती है। हमारे शरीर के लिए अच्छी नींद लेना उतना ही जरूरी है, जितना की सांस लेना। नींद पूरी न होने के कारण दिमाग पर तनाव और कई बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
इन बीमारियों में सेक्ससोमनिया (Sexsomnia) भी एक है, इसको Sleep Sex के नाम से भी जाना जाता है।
शोध में बताया गया है कि इस बीमारी के चलते लोग संबंध बनाने के दौरान कब सो जाते है, उनको पता ही नहीं चलता। इतना ही नहीं, सुबह उठकर उनको बीती रात के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं होती। इस बीमारी के चतले कई लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते है। ऐसा माना गया है कि ऐसी स्थिति में कई बार इंसान उन लोगों के साथ भी हमबिस्तर हो जाता है, जिनके बारे में वह जानता भी नहीं होता।
यह बीमारी नींद पूरी न होने के कारण होती है, जिसमें शरीर थकान की वजह से दिमाग के साथ तालमेल नहीं बैठा पाता। ऐसी स्थिति में व्यक्ति का दिमाग काम करते-करते सो जाता है उसे कुछ भी पता नहीं चलता। इस बीमारी की चपेट में महिला और पुरूष दोनों ही आ सकते है। पुरूष सपनो में अपने आप को किसी के साथ हमबिस्तर होते हुए महसूस करता है। यह बीमारी भ्रम, आत्मविश्वास में कमी का कारण बनती है। इसी के साथ इसका दिमाग पर काफी गहरा असर होता है। ऐसे में सही डॉक्टर की सलाह की जरूरत होती है। इसी के साथ अपनी दिनचर्या में व्यायाम और पर्याप्त नींद लेकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
इन बीमारियों में सेक्ससोमनिया (Sexsomnia) भी एक है, इसको Sleep Sex के नाम से भी जाना जाता है।
शोध में बताया गया है कि इस बीमारी के चलते लोग संबंध बनाने के दौरान कब सो जाते है, उनको पता ही नहीं चलता। इतना ही नहीं, सुबह उठकर उनको बीती रात के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं होती। इस बीमारी के चतले कई लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते है। ऐसा माना गया है कि ऐसी स्थिति में कई बार इंसान उन लोगों के साथ भी हमबिस्तर हो जाता है, जिनके बारे में वह जानता भी नहीं होता।
यह बीमारी नींद पूरी न होने के कारण होती है, जिसमें शरीर थकान की वजह से दिमाग के साथ तालमेल नहीं बैठा पाता। ऐसी स्थिति में व्यक्ति का दिमाग काम करते-करते सो जाता है उसे कुछ भी पता नहीं चलता। इस बीमारी की चपेट में महिला और पुरूष दोनों ही आ सकते है। पुरूष सपनो में अपने आप को किसी के साथ हमबिस्तर होते हुए महसूस करता है। यह बीमारी भ्रम, आत्मविश्वास में कमी का कारण बनती है। इसी के साथ इसका दिमाग पर काफी गहरा असर होता है। ऐसे में सही डॉक्टर की सलाह की जरूरत होती है। इसी के साथ अपनी दिनचर्या में व्यायाम और पर्याप्त नींद लेकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
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