यह पोजीशन स्त्रियों के लिए सबसे आरामदायक और सरल पोजीशन है। एक तो इसमें मिशनरी आसन ( पुरुष नीचे व स्त्री ऊपर ) की नीरसता दूर होती है, दूसरा इसमें संभोग को स्त्री नियंत्रित करती है, जिससे उसे भी चरम सुख मिलता। साथ ही संभोग के दौरान स्त्रियों को होने वाला दर्द भी इसमें नहीं होता। दर्द होने पर स्त्री स्ट्रोक को अपने अनुकूल संचालित कर सकती है।
# इस पोजीशन का लाभ :- स्त्री संभोग को अपने हिसाब से नियंत्रित करती है, जिससे उसे ऑर्गेज्म की प्राप्ति वास्तविक सुख मिलता है। पुरुष भी अपनी स्त्री पार्टनर को ड्राइव करता देख उत्तेजना, खुशी व आनंद से भर उठता है। इसमें पुरुष के शीघ्र स्खलित होने का खतरा बेहद कम हो जाता है, जिससे दोनों पार्टनर को चरम सुख मिलने की संभावना बढ़ जाती हैा गर्भ नहीं ठहरने के लिहाज से भी इस आसन को उपयुक्त माना गया है। इस आसन में गर्भ ठहरने की संभावना 80 फीसदी तक कम हो जाती हैा
# सही पोजीशन :- इस आसन में बिस्तर पर पुरुष पीठ के बल लेटा होता है और स्त्री उसके शरीर के ऊपर। स्त्री शरीर के ऊपर लेटती है । इस पोजीशन में थोड़ा थकने पर स्त्री अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को हवा में उठाकर, अपने दोनों हाथों को बिस्तर पर टिकाकर सपोर्ट प्राप्त कर सकती है।
# थकान :- इस आसन में दोनों पार्टनर एक-दूसरे की थकान को बांट सकते हैं। इसमें संभोग करते हुए भी मिशनरी से उल्टी मिशनरी और उल्टी मिशनरी से मिशनरी पोजीशन में आया जा सकता है। अर्थात संभोग भंग किए बिना ही कभी स्त्री ऊपर आ सकती है तो कभी पुरुष, लेकिन इसके लिए थोड़े अभ्यास की जरूरत होती है।
# इस पोजीशन का लाभ :- स्त्री संभोग को अपने हिसाब से नियंत्रित करती है, जिससे उसे ऑर्गेज्म की प्राप्ति वास्तविक सुख मिलता है। पुरुष भी अपनी स्त्री पार्टनर को ड्राइव करता देख उत्तेजना, खुशी व आनंद से भर उठता है। इसमें पुरुष के शीघ्र स्खलित होने का खतरा बेहद कम हो जाता है, जिससे दोनों पार्टनर को चरम सुख मिलने की संभावना बढ़ जाती हैा गर्भ नहीं ठहरने के लिहाज से भी इस आसन को उपयुक्त माना गया है। इस आसन में गर्भ ठहरने की संभावना 80 फीसदी तक कम हो जाती हैा
# सही पोजीशन :- इस आसन में बिस्तर पर पुरुष पीठ के बल लेटा होता है और स्त्री उसके शरीर के ऊपर। स्त्री शरीर के ऊपर लेटती है । इस पोजीशन में थोड़ा थकने पर स्त्री अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को हवा में उठाकर, अपने दोनों हाथों को बिस्तर पर टिकाकर सपोर्ट प्राप्त कर सकती है।
# थकान :- इस आसन में दोनों पार्टनर एक-दूसरे की थकान को बांट सकते हैं। इसमें संभोग करते हुए भी मिशनरी से उल्टी मिशनरी और उल्टी मिशनरी से मिशनरी पोजीशन में आया जा सकता है। अर्थात संभोग भंग किए बिना ही कभी स्त्री ऊपर आ सकती है तो कभी पुरुष, लेकिन इसके लिए थोड़े अभ्यास की जरूरत होती है।
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