अब शारीरिक और मानसिक रूप से संतुष्टि के लिए औरतों को मर्द की नही पड़ेगी जरूरत

जिस तरह से आज टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है उससे तो शायद यही लग रहा की आने वाले समय में सारा का सारा काम मशीने ही करेगी। लेकिन भारतीय शास्त्रों में कहा गया है कि अति सर्वत्र वर्जयेत, यानी सीमा से अधिक उपयोग हमेशा दुखदायी होता है।
जी, हां ऐसा ही कुछ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के अत्यधिक उपयोग पर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि 2050 तक औरतों को मर्दों की आवश्यकता नहीं रहेगी। मर्द की जगह रोबोट उनको शारीरिक और मानसिक रूप से संतुष्ट करने में सक्षम होगा।



रोबोट के बढ़ रहे इस प्रभाव को देखकर तो यही लगता है की इंसान अपने सारे काम रोबोट से ही करवायेगा। आईटी इन्नोवेटिव रोबोट को बनाने में लगे शोधकर्ताओँ का कहना है कि जिस तरह आज की महिलाएँ बिंदास होकर कम्प्यूटर पर पोर्न देखती हैं ठीक उसी तरह आज से कुछ सालों बाद रोबोफीलिया इतना बढ़ जायेगा कि वो बेड पर भी किसी मर्द की बजाए रोबोट के साथ रात बितायेंगी। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के इस उपयोग पर समाजविज्ञानियों की भौंहे टेढ़ी होने लगी हैं। उनका कहना है सरकारों को रोबोट के इस उपयोग को नियंत्रित करना चाहिए। लेकिन इंसान को मर्द और ओरतो के रिश्तो के बारे में पता होना चाहिए और इसके बीच टेक्नोलॉजी को नही लाना चाहिए।

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